The 5-Second Trick For पारद शिवलिंग कैसा होता है

कात्यायनी – क्लीं श्रीं त्रिनेत्रायै नमः।।

प्रदोष च्या वेळी पारद शिवलिंगा वर शिव महिमा स्तोत्र ने अभिषेक करून कोणत्याही आर्थिक स्थिती चे टार्गेट पूर्ण करता येते. किंवा आर्थिक संकटे दूर करता येतात.

आपको बता दें कि पारद शिवलिंग पर पारद और चांदी के मिश्रण से बनी होती है। ऐसा माना जाता है कि अगर सोमवार के दिन श्रद्धा और विश्वास के साथ पर पराद शिवलिंग की पूजा की जाए, तो भगवान शिव जातक को मनचाहा वरदान देते हैं और उसे भगवान शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इतना ही नहीं जातक के जीवन में आ रही सारी परेशानियां दूर हो जाती है और उसे अपने जीवन में खुशियों प्राप्त होती हैं।

अपने जीवन में खुशहाली पाने के लिए पराद शिवलिंग की पूजा करना काफी लाभदायक होता है। इससे घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और धन की कमी नहीं होती।

पारद शिवलिंग को साक्षात शिवजी का स्वरूप माना गया है, इसकी पूजा से मिलता है अक्षय पुण्य

लिंगकोटिसहस्त्रस्य यत्फलं सम्यगर्चनात्। तत्फलं कोटिगुणितं रसलिंगार्चनाद् भवेत्।।

पारद शिवलिंगाच्या दर्शनाने मोठी पापे दूर होतात.

स्पर्शनात्प्राप्यत मुक्तिरिति सत्यं शिवोदितम्।।

पारद शिवलिंग मानी जाती है. मान्यता है कि ये शिवलिंग महादेव को अति प्रिय है. मान्यता है कि यदि पारद शिवलिंग की रोजाना विधिवत पूजा की जाए तो घर की बीमारियां समाप्त होती हैं और परिवार पर आए संकट दूर हो जाते हैं.

वहीं जब इसे चांदी के मिला दिया जाता है तो यह ठोस रूप ले लेता है।कहा गया है कि चांदी और पारा से बने पारद शिवलिंग में कई तरह की शक्ति आ जाती है। उदाहरण के तौर पर read more कहा गया है कि अगर पारद शिवलिंग को बर्फ पर रख दिया जाय तो वह अपने आकार के बराबर बर्फ को सोख लेता है। पारद शिवलिंग समस्त दुखो का नाश करने वाला मानसिक व शारिरिक चिन्ताओ का अंत करने और शांति प्रदान करने वाला बताया गया है

म्हणजेच कोट्यावधी शिवलिंगाच्या दर्शनाचे फळ एकट्या पारद शिवलिंगाच्या पूजेने आणि दर्शनाने मिळते. पारद शिवलिंगाची पूजा केल्याने सकारात्मक फळ लाभते. धार्मिक मान्यतेनुसार, पारद शिवलिंग हे भगवान शंकराचे वास्तविक रूप आहे, म्हणून या शिवलिंगाची विधीवत पूजा केल्याने अनेक प्रकारे फायदा होतो. घरातील पारद शिवलिंग सौभाग्य, शांती, आरोग्य आणि सुरक्षिततेसाठी अत्यंत शुभ आहे. दुकाने, कार्यालये आणि कारखान्यांमध्ये व्यवसाय वाढवण्यासाठी पारद शिवलिंगाची पूजा हा एक निश्चित मार्ग आहे.

पारद और स्फटिक शिवलिंग की स्थापना किसी विद्वान पंडित के मार्गदर्शन में विधि-विधान के अनुसार ही करनी चाहिए। इन शिवलिंगों को स्थापित करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन भी आवश्यक माना जाता है। साथ ही, इनकी नियमित रूप से पूजा करना महत्वपूर्ण है।

पारद शिवलिंग के दर्शन करके स्पर्श करने मात्र से महादेव प्रसन्न हो जाते है

जब इसमें चांदी मिला दी जाती है तो यह पारद कहला जाता है। पारा आपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है। इस समूचे ब्रह्मांड में पारा ही एक ऐसा तत्व है जो धातु है लेकिन तरल रूप में पाया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *